स्टाप डेम बना किसानों के लिए वरदान

स्टाप डेम बना किसानों के लिए वरदान

"रहिमन पानी राखिये बिना पानी सब सून। पानी गये न उबरै मोती मानुष चून।"


IMG-20180628-WA0008.jpgयदि जल न होतातो सृष्टि का निर्माण सम्भव न होता। यही कारण है कि यह एक ऐसा प्राकृतिक संसाधन है जिसका कोई मोल नहीं है। जीवन के लिये जल की महत्ता को इसी से समझा जा सकता है कि बड़ी-बड़ी सभ्यताएँ नदियों के तट पर ही विकसित हुईं और अधिकांश प्राचीन नगर नदियों के तट पर ही बसे।

जल की उपादेयता को ध्यान में रखकर यह अत्यन्त आवश्यक है कि हम न सिर्फ जल का संरक्षण करें बल्कि उसे प्रदूषित होने से भी बचायें। इस सम्बन्ध में भारत के जल संरक्षण की एक समृद्ध परम्परा रही है और जीवन के बनाये रखने वाले कारक के रूप में हमारे वेद-शास्त्र जल की महिमा से भरे पड़े हैं। ऋग्वेद में जल को अमृत के समतुल्य बताते हुए कहा गया है- अप्सु अन्तः अमतं अप्सु भेषनं।

ग्राम कुम्भाखेड़ी, छीपाबड़ौद तहसील, जिला बाराँ के अंतर्गत आता है, जो जिला मुख्यालय से 85 किलोमीटर दूर स्थित है। इसमें अनुसूचित जाति के 41 परिवार तथा अनुसूचित जनजाति के 206 परिवार निवास करते हैं। इन सभी परिवारों की आजीविका का मुख्य स्त्रोत कृषि एवं मजदूरी है। यहाँ के किसान परियोजना आने के पूर्व खरीफ की फसल ही ले पाते थे, जो वर्षा आधारित थी। माह-अप्रैल 2017 में परियोजना के द्वारा ग्राम कुम्भाखेड़ी का चयन किया गया। परियोजना की टीम द्वारा सहभागी ग्रामीण आंकलन (पी.आर.ए.) किया गया तो पता चला कि पानी की कमी इस ग्राम की प्रमुख समस्या है। गाँव में स्थित कुंओं में पर्याप्त पानी न होने के कारण किसानों को सिंचाई हेतु पर्याप्त पानी भी उपलब्ध नहीं हो पाता था। इस वजह से किसानों द्वारा रबी की फसल लेना संभव नहीं था। सहभागी ग्रामीण आंकलन के दौरान पता चली इस भीषण समस्या के निदान हेतु परियोजना की टीम द्वारा किसानों के सहयोग से पानी रोकने की कार्ययोजना बनाई गई।

IMG-20180628-WA0010.jpgइसी कार्ययोजना के अंतर्गत ग्रामीणोंद्वारा लासी नदी में स्टॉपडैम बनाने का सुझाव दिया गया। परियोजना द्वारा उचित स्थान पर स्टॉप डैम

निर्माण से कुल 27 कुऐं रिचार्ज हुए तथा किसानों को रबी की फसल जैसे गेहूँ, चना आदि के लिए र्प्याप्त पानी भी उपलब्ध हो रहा है। स्टॉप डैम निर्माण से कुल 35 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो सकेगी।

स्टॉप डैम के निर्माण से किसानों की भूमि पुनः फसलों से लहलहायेगी। स्टॉप डैम के निर्माण से गरीब आदिवासी भूमिपुत्रों के चेहरों पर खुशी की लहर है।