वाटरशेड परियोजना के माध्यम से छोटे एवं लघु किसानों की आजीविका में वृद्धि |

अपने खेत में कार्य करते हुए सुजान लोधी एवं उसका परिवार बहुत ही खुश हैं, क्योंकि अब उसके खेत में फसल की अच्छी पैदावार होने लगी है। अब वह अपना एवं अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छी तरह से कर सकता है। लेकिन कुछ समय पहले तक उसका परिवार बहुत ही परेशान रहता था। आर्थिक तंगी उसके परिवार के लिए मुसीबत बनी हुई थी। राजस्व भूमि के क्षेत्र का पानी किसान के खेत से होकर निकलने से उसका खेत पानी के बहाव से हल्का पथरीला हो गया था। किसान अपने खेत में फसल उत्पादन करने में सफल नही था जिस कारण खरीफ फसलें जैसे सोयाबीन एवं मक्का आदि से वह वर्ष में एक बार 12 से 15 कुन्तल ही उत्पादन कर पाता था। उसके परिवार में कुल 06 सदस्य हैं भूमि अच्छी नही होने से अपने परिवार का भरण पोषण करना उसके लिए बहुत कठिन हो रहा था।

सुरखी घाना जलग्रहण विकास समिति के अन्र्तगत सुजान लोधी पिता कन्छेदी लोधी ग्राम घाना का किसान है जिसके पास 2.78 हैक्टेयर भूमि है जो कि राजस्व भूमि के खसरा नम्बर 2 के पास से लगा हुआ हैं जिसका कुल क्षेत्रफल 26.65 हैक्टेयर है।

अब नाबार्ड व आई.एफ.एफ.डी.सी. के सहयोग से जलग्रहण विकास कार्य राजस्व भूमि में कन्टीनुअस कन्टूर ट्रैंच, वाटर एब्जौर्पशन ट्रैंच, स्टोन गली प्लग एवं लूज स्टोन चैक डैम आदि कार्य होने से वर्षा का पानी नाले में सामान्य रूप में निकल जाता है, जिससे अब किसान सुजान लोधी के खेत में नमी एवं जल स्तर उठने से फसल में सुधार हुआ है।


चूँकि वाटरशेड के द्वारा किसान के खेत में फील्ड बंड, मेड बंड का कार्य किया गया जिससे खेत की मिट्ठी का कटान रुक सके, साथ ही नई किस्म का गेंहू बीज प्रदान किया गया एवं वैज्ञानिक द्वारा तकनीकी तरीके से खेती करने की सलाह दी गई। खरीफ फसल में वाटरशेड के द्वारा अच्छी गुणवत्ता के उड़द एवं मक्का की खेती तकनीकी तरीके से करने से रबी व खरीफ फसल से उत्पादन में दोगुना फायदा हुआ है। जिससे किसान की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। वाटरशेड के कार्य करने से किसान के द्वारा रबी फसल जैसे गेहूँ की खेती में 37.00 कुन्तल का उत्पादन हुआ है जोकि पूर्व में नहीं होता था साथ ही खरीफ फसल में मक्का का 26.00 कुन्तल उत्पादन हुआ। इसके साथ ही वर्ष में 1,30,000 रुपये की आय हुई।

किसान को वाटरशेड द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र सागर, जबलपुर व देवरी में फसल उत्पादन के बारे में अच्छी जानकरी प्राप्त करवाई गई जिससे पानी की बचत करने के साथ ही स्प्रिंकलर से सिचाई कर उत्पादन में वृद्धि हुई है। अब तो अन्य किसान भी सुजान लोधी के द्वारा किये गऐ कृषि कार्य को देखकर उनके द्वारा अपनाई गई तकनीक से ही खेती करने लगे हैं।

सुजान लोधी के सामाजिक स्तर में वृद्धि हुई हैं। उनके रहन-सहन एवं खान-पान में सुधार हुआ है तथा बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रहे है।