स्वच्छता के माध्यम से गाँवों में स्वास्थ्य सुधार

इफको-टोकियो जनरल इन्श्योरेंस कम्पनी लि. द्वारा अपने सी.एस.आर. के अंतर्गत, इफको-टोकियो समन्वित ग्रामीण विकास परियोजना का क्रियान्वयन जिला मुजफ्फरपुर (बिहार) में जून 2021 से संस्था आई.एफ.एफ.डी.सी के माध्यम से 3 गाँवों, मोतीपुर ब्लॉक के पूर्वी मुसहर टोला व पश्चिम मुसहर टोला और ब्लॉक साहेबगंज के ग्राम सरैया में किया जा रहा है।

परियोजना के संचालन से पहले, ये गाँव अत्यधिक पिछडे़, गन्दगी से भरपूर व शिक्षा विहीन थे, सुअर पालन, भैंस पालन, बकरी व मुर्गी पालन तथा मजदूरी के साथ-साथ अधिकांशतया ये लोग देशी शराब बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं इसलिए इन ग्रामों में अधिकारी लोग आना पंसद नही करते थे। यहाँ कोई भी परिवार ऐसा नहीं है जिसमें 12वीं कक्षा से ज्यादा कोई पढ़ा-लिखा हो। लड़कियों और औरतों की स्थिति और भी खराब है। लड़कियों की शादी 14-16 वर्ष की उम्र में ही हो जाने के कारण 4 से 5 बच्चे कम उम्र में ही हो जाते हैं। सरकार द्वारा गाँव में स्कूल तो बनाया गया है किन्तु माँ-बाप शिक्षा लेने हेतु अपने बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि नहीं लेते थे।

परियोजना के प्रारंभ से ही संस्था का प्रथम उदेश्य था कि, गॉव के लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाये ताकि, गाँव में गंदगी से होने वाली बीमारियाँ कम हों और ग्रामीणों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहे। सर्वप्रथम गाँवों में लोगों के साथ छोटी-छोटी बैठकें आयोजित कर उनको समझाने का प्रयास किया गया कि, गंदगी से मानव शरीर में कई प्रकार कि लाइलाज बीमारियाँ हो सकती हैं जिसका उपचार करना भी कभी-कभी अंसभव हो जाता है। गंदे पानी से 23 प्रकार की बीमारियाँ होती हैं जिनका पता लगाना लगभग अंसभव होता है। इन बैठकों में ग्रामीण महिलाओं द्वारा अपनी समस्या बतायी गयी, कि उनके घरों के आसपास पानी की निकासी और कचरा संग्रह करने का कोई स्थान नही है जिससे गाँवों में जगह-जगह पर पानी व कचरा एकत्रित होने से गंदगी फैल रही है और इसके कारण मक्खियाँ, मच्छरों का प्रकोप बहुतायत में होता है। साथ ही साथ, गाँवों में बदबू फैली रहती है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार कि गंदगी के चलते ग्रामीण लोग कई बार गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं।

परियोजना के प्रारंभ में तीनों गाँवों में बैठक कर 696 घरों को डस्टबिन उपलब्ध कराये व ग्राम स्तर पर 19 बडे़ डस्टबिन परियोजना के माध्यम से स्थापित करवाये गये। जिसके बाद गॉव की कुछ महिलाओं द्वारा जो प्रारंभ से ही परियोजना के कार्यों में सक्रिय रूप से सहयोग कर रहीं थीं, उन्होंने, स्वयं इसका उपयोग करना प्रारंभ किया और गाँव की अन्य महिलाओं को जागरूक करना प्रारंभ किया। इस कार्य से घरेलू कचरे को साफ करने में मदद मिलने लगी किन्तु, एकत्रित अधिक मात्रा में कचरे को निस्तारित करने की समस्या खड़ी हो गयी। इस समस्या के निराकरण हेतु परियोजना के माध्यम से तीनों ग्राम में 77 कम्पोस्ट पिट बनवाये गये जिसमें ग्राम स्तर पर एकत्रित होने वाले कचरे को एकत्रित कर कम्पोस्ट खाद तैयार कराना प्रारंभ किया गया। महिलाओं द्वारा कम्पोस्ट पिट को हाथों-हाथ उपयोग में लेना शुरू कर दिया गया। चूँकि गाँव में रहने वालों के पास जमीन बहुत कम है इसलिए अधिक कम्पोस्ट पिट नहीं बन पाये किन्तु जितने भी बने हैं उनमें अब ग्राम का कचरा एकत्रित होने लगा है। घरेलू हैंडपम्प के आस-पास जल भराव की समस्या का निदान करने हेतु परियोजना के माध्यम से वर्तमान समय में तीन गाँवों में 60 परिवारों को सोकपिट व प्लेटफार्म निर्माण कार्य हेतु सहयोग किया जा रहा है।

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माह अक्टूबर 2022 में डॉ. अरुण सिंह, विधायक बरूराज द्वारा गॉव में भ्रमण किया गया एवं गाँव मंे स्वच्छता को देखकर उन्होंने यहाँ की महिलाओं की भरपूर प्रसंशा की। डा. सिंह ने बताया कि, तारीफ करते हुये बताया कि यह मुशहर टोला मेरे पैतृक घर के पास ही है यहाँ मैं 1 साल बाद आया हूँ। मैं देख रहा हूँ कि यहाँ बहुत परिवर्तन हुआ है, लोगों ने अपने घरों व गाँवों को साफ सुथरा रख रखा है। गॉव में भी अब जल भराव व गंदगी कम हुई है। इन गॉवों में पहले बहुत गंदगी रहती थी लोग गंदे कपडे पहनकर घूमते थे लेकिन अभी का दृश्य देखकर मेरी विचारधारा बदल गई। उन्होंने परियोजना कर्मियों को बधाई देते हुये कहा कि, यही परिवर्तन एक दिन इन गाँवों की उन्नति लेकर आयेगा। गाँव में स्वच्छता व इसके स्वास्थ्य मंे सुधार के प्रति यहाँ मुसहर समुदाय के लोग अब काफी जागरूक हो गये हैं।